ज़हन में मेरे, कई सवाल हैहर जवाब जो मिलता, ख़ुद में वो सवाल है ज़हन में मेरे, कई सवाल हैहर जवाब जो मिलता, ख़ुद में वो सवाल है
मैं तो मौत से खेलने वाला इंसान था मोहब्बत से रूबरू करवाया तुमने मैं तो मौत से खेलने वाला इंसान था मोहब्बत से रूबरू करवाया तुमने
खुद ही में खुद मुस्कुराता हूँ खुद ही में खुद मुस्कुराता हूँ
धरती ही परिवार मेरा,धरती ही संसार है , जग मे कितने रिश्ते बिखरे,सब से अपना प्यार है। धरती ही परिवार मेरा,धरती ही संसार है , जग मे कितने रिश्ते बिखरे,सब से अपना प्...
धर्म का मूल संस्कार है, धरती ही परिवार है, वसुधैव कुटुम्बकम का आधार है, उदार हृदय धर्म का मूल संस्कार है, धरती ही परिवार है, वसुधैव कुटुम्बकम का आधार है, ...
इंसानों आँखो ही आँखों मे भविष्य के सुनहरे सपने देखता है, जिंदगी भर ना जाने क्यों इसी इंसानों आँखो ही आँखों मे भविष्य के सुनहरे सपने देखता है, जिंदगी भर ना जाने क्...